कुंभकर्ण कितने दिन सोता था और कितने दिन जगता था?
रामायण के एक प्रमुख पात्र का नाम हे कुंभकर्ण जो की महान ऋषि विश्रवा और माता कैकसी का पुत्र है और वो राजा रावण का छोटा भाई था | इस दुनिया में रावण या कुंभकरण नाम का कभी कोई दूसरा नहीं हुआ। राजाधिराज लंकाधिपति महाराज रावण को 'दशानन' भी कहते हैं। कुंभकर्ण का नाम का अर्थ ये था की कुम्भ का मतलब घड़ा और कर्ण का मतलब कान, बचपन से ही बड़े कान होने के कारण इसका नाम कुंभकर्ण रखा गया था। कुम्भकर्ण विभीषण के और शूर्पनखा के बड़े भाई थे। आज हम जाने गए की कुंभकर्ण कितने दिन सोता था और कितने दिन जगता था? ,कुंभकर्ण को ये वरदान कैसे मिला ??
कुंभकर्ण ये वरदान कैसे मिला ??
कुंभकर्ण कितने दिन सोता था और कितने दिन जगता था
रावण ,कुंभकर्ण और विभीषण तीनो भइओ ने जब तपस्या करके ब्रह्मा जी को प्रसन किया तब ,कुंभकर्ण ने वरदान मागा तब उस ने निंद्रासन माँग लिया था | जिस कारन तीनो भइओ ने बह्मा जी से इस वरदान पर विनंती की इस प्रकार तो वह इस संसार को देख ही नहीं पायेगा | सारा जीवन सोता ही रहेगा ,और एक दिन सोते हुई ही मृत्यू को प्राप्त हो जायेगा |
भगवान ब्रह्मा जी ने फिर यह कहा की कुंभकर्ण 6 मास तक सोया रहेगा और फिर एक दिन के लिए उठेगा उस एक दिन के बाद फिर से 6 मास के लिए निन्द्र में चला जायगा |