Mahatma gandhi ne kitne andolan kiye the

महात्मा गाँधी ने कितने आंदोलन किये थे | 

Mahatma gandhi ne kitne andolan kiye the
Mahatma gandhi ne kitne andolan kiye the

भारत देश की आजादी के लिए अहिंसा के रास्ते पर चलकर अंग्रेजो को झुकने पर मजबूर करने वाले महात्मा गांधी का नाम सबसे पहले आता है | महात्मा गाँधी द्वारा किया गया  सत्याग्रह आंदोलन भारत देश की आजादी के लेए काफी महत्वपूर्ण आंदोलन था | ऐसे ही भारत देश की आजादी के लिए गांधी जी ने लगभग 7 जितने आंदोलन किये थे | आज हमने उन 7 आंदोलन के बारे में कुछ जानकारी दी हुई है | 

चंपारण सत्याग्रह :- 1917 

खेड़ा सत्याग्रह :- 1918  

रॉलेट ऐक्ट को विरोध :- 1919 

खिलाफत आंदोलन :- 1920 

असहयोग आंदोलन :- 1920 

नमक आंदोलन :- 1930 

भारत छोड़ो आंदोलन :- 1942 


चंपारण सत्याग्रह 

चंपारण सत्याग्रह भारत देश का पहला नागरिक अवज्ञा (Disobedience) सत्याग्रह था | जो की अप्रैल 1917 में बिहार के चंपारण जिले में हुवा था | ये आंदोलन किसानो से जुड़ा हुवा है, इस आंदोलन के माध्यम से गांधी ने लोगों में जन्में विरोध को सत्याग्रह के माध्यम से लागू करने का पहला प्रयास किया जो ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आम जनता के अहिंसक प्रतिरोध पर आधारित था। चंपारण सत्याग्रह के दरमियान ही उन्होंने ये भी तय किया कि आगे से केवल एक कपड़े पर ही गुजर-बसर करेंगे,  इस आंदोलन के बाद उन्हें 'महात्मा' की उपाधि दी गई 


खेड़ा सत्याग्रह 

खेड़ा गांव में जब सूखा पड़ा और किसानो की फसल नष्ट हो गई, तब किसान बड़े लगान ( कर ) और अन्य मुश्किलो से किसान काफी परेसान हो गए थे, तब 1917 में हुई चंपारण सत्याग्रह के बाद 1918 ई. में गांधी जी ने ये सत्याग्रह स्थानिक किसानो को एकत्रित करके और सरदार वल्लभ भाई पटेल और अन्य नेताओ की अगवाई में ये आंदोलन हुवा था | खेड़ा सत्याग्रह (आंदोलन) के कारण 1918 में सरकार ने अकाल समाप्त होने तक राजस्व कर के भुगतान की शर्तों में ढील दे दी थी | 


रॉलेट ऐक्ट को विरोध  

भारत देश को आजाद करने के लिए कई सारे आंदोलन (सत्याग्रह) किआ गई जिसे देश की आजादी के लिए कई सारे लोग जुड़ ने लगे, इसी लिए अग्रेजो ने आजादी की आवाज को दबाने के लिए उन्होंने 1919 में रोलेट ऐक्ट को लगा या गया | रोलेट ऐक्ट  कानून में किसी भी समय किसी को भी बिना वारंट किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार था | महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरे देश में इसका विरोध किया गया। रोलेट ऐक्ट को काले कानून के नाम  जाना जाता है | 


खिलाफत आंदोलन 

ये आंदोलन एक विश्वव्यापी आन्दोलन था, जो की 1919 से 1924 के मध्य में ये आंदोलन हुवा था |  इस आंदोलन का मुख्य कारण तुर्की के खलीफा का प्रभुत्व अंग्रेजों के द्वारा कम करना था। इससे सारे विश्व के मुसलमानों में अंग्रेजों के प्रति रोष था। भारत में खिलाफत का नेतृत्व 'आल इंडिया मुस्लिम कांफ्रेंस' द्वारा किया गया था। गांधी जी ने इस आंदोलन के मुख्य प्रवक्ता थे। इन्होंने अंग्रेजों द्वारा दिए सम्मान और मैडल को वापस कर दिया, जिससे गांधी जी भारत के सभी समुदायों के लोगों के प्रमुख नेता बन गए।


असहयोग आंदोलन 

असहयोग आंदोलन अंग्रेजो द्वारा किया गया अत्याचार और अन्यायपूर्ण कानूनों, कायो के विरोध में इस आंदोलन को अगस्त 1920 में असहयोग आंदोलन को शुरू किया था | इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई जागृति प्रदान की | ये आंदोलन के दौरान सरकारी स्कूल और कॉलेजो में विधार्थीओ ने जाना बंद कर दिया था, वकीलोने भी अदालत में जाना बंध कर दिया था, ऐसे ही कई सारे नगरों में लोग हड़ताल पर चले गई थे | इस तरह से असहयोग आंदोलन को किया गया था | और एक बात की इस आंदोलन की खास बात ये थी की अंग्रेजो की क्रूरताओं के खिलाफ लड़ने के लिए सिर्फ अहिंसक साधनो को ही अपनाया गया था | 


नमक आंदोलन 

इस आंदोलन को दांडी सत्याग्रह या नमक आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है | इस आंदोलन को साल 1930 में ब्रिटिश राज्य के एकाधिकार के खिलाफ यानिकि नमक पे कर वसूल ने के खिलाफ महात्मा गांधी ने इस (नमक / दांडी) आंदोलन को शुरू किया था | इस आंदोलन को अहमदाबाद साबरमती आश्रम से लेकर समुद्रतटीय गांव दांडी तक पैदल यात्रा निकली गई थी, ये यात्रा लगभग 390 किलोमीटर तक की थी, जिस में गांधी जी के साथ 78 लोगो ने इस सत्याग्रह को किया था | इस (नमक / दांडी) आंदोलन को 6 अप्रैल 1930 में महात्मा गाँधी ने नमक को हाथ में लेकर नमक का कानून का उल्लंघन किया।


भारत छोड़ो आंदोलन 

ये आंदोलन भारत देश की आजादी के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है | इस आंदोलन की वजह से भारत देश की आजादी की नीव राखी गई थी | महात्मा गांधी जी ने 8 अगस्त 1942 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की, इसी आंदोलन के दरमियान गाँधी जी ने अपने भाषण में ''करो या मरो'' का आह्वान किया, और इसी आंदोलन के दरमियान मेहरअली ने साइमन गो बैक का नारा भी गढ़ा था |  इस आंदोलन के कारण अंग्रेजो को भारत छोड़ कर जाने के लिए मजबूर किया था 


इसी तरह भारत देश को आजाद करने के लिए ऐसे ही कई सारे आंदोलन (सत्याग्रह) और कई सारे विरोध भी किए गई है | जिस में से हमने कुछ आंदोलनों के बारेमे बताया हुवा है | आपको इस में से कुछ जानने को  मिला हो तो इस के बारे में आप हमें Comment कर के बताना और Mahatma gandhi ne kitne andolan kiye the, की  जानकारी को अपने दोस्तों के साथ Share करेना | 

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